कागजों में चल रहा नगर निगम का अभियान, मुख्यमंत्री के संचारी अभियान पर लगाया पलीता

TIMES7NEWS -कानपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा संचारी रोग नियंत्रण के लिए जारी आदेश और दिशा-निर्देशों को कानपुर नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी मजाक बना चुके हैं। जहां पूरे प्रदेश में संचारी रोग नियंत्रण अभियान 5 से 31 अक्टूबर 2025 तक चलाया जा रहा है, वहीं कानपुर में यह अभियान “कागज़ों पर सक्रिय” और “मैदान में निष्क्रिय” दिखाई दे रहा है।

अभियान के तहत डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और दिमागी बुखार जैसी बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वच्छता, जल-जमाव से मुक्ति और मच्छरजनित बीमारियों से सुरक्षा का संदेश फैलाया जाना था। इसके लिए आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर रही हैं, वहीं स्कूलों में भी प्रतियोगिताएं और जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

लेकिन ज़मीनी हकीकत इससे बिल्कुल उल्टा है। शहर की नालियां कूड़े से भरी हैं, जिनमें लार्वा तेजी से पनप रहा है। कई इलाकों में सफाई न होने के कारण बदबू और जल-जमाव से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है। हैरानी की बात यह है कि जब नागरिक शिकायत करते हैं तो नगर निगम के संचारी विभाग के कर्मचारियों का जवाब होता है —

“जहाँ पार्षद जी कहेंगे, केवल वहीं दवा छिड़की जाएगी।”

इसी तरह एक वार्ड में सफाई के लिए जेसीबी मशीन मांगे जाने पर अधिशासी अभियंता ने भी यही जवाब दिया कि “पार्षद के कहने पर ही मशीन भेजी जाएगी।” दूसरे वार्ड में संचारी रोग अधिकारी ने भी यही तर्क दोहराया।

यह स्थिति साफ दर्शाती है कि निगम कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के आदेशों और जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर दिया है। नालियों में जमा कूड़ा, पनपते मच्छर और लार्वा अब बीमारी नहीं बल्कि नगर निगम की नाकामी का प्रतीक बन चुके हैं।

ऐसा प्रतीत होता है कि जिन अधिकारियों को इस अभियान की सफलता सुनिश्चित करनी थी, उन्होंने इसे राजनीतिक प्रभाव और कमीशनखोरी का खेल बना दिया है। परिणामस्वरूप, जहाँ सरकार नागरिकों को रोगमुक्त और सुरक्षित वातावरण देने की कोशिश में लगी है, वहीं नगर निगम के जिम्मेदार इस जनहितकारी प्रयास पर “पतीला” लगा रहे हैं।

यदि हालात ऐसे ही बने रहे, तो आने वाले दिनों में चिकित्सकों और झोलाछाप क्लीनिकों की कमाई तो ज़रूर बढ़ेगी, पर जनता को अस्पतालों की राह पकड़नी पड़ेगी — और तब यह सवाल उठेगा कि क्या नगर निगम का सफाई विभाग जनता की सेहत का रखवाला है या उसका दुश्मन?

Previous Post Next Post