"देश में पहली बार आया सम्मान दिवस" को विधानसभा अध्यक्ष का समर्थन,
5 साल की बच्ची रिधिमा तिवारी की पहल को मिली ऐतिहासिक मान्यता
TIMES7NEWS -कानपुर : देश में पहली बार "आया सम्मान दिवस" को राजनीतिक स्तर पर ऐतिहासिक समर्थन मिला है। उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष श्री सतीश महाना ने इस सामाजिक पहल को न केवल सराहा, बल्कि इसके उद्देश्य और भावनात्मक प्रभाव को स्वीकारते हुए इसे राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का आश्वासन भी दिया।
"आया सम्मान दिवस" की कल्पना और स्थापना एक पांच वर्षीय बालिका रिधिमा तिवारी ने की है, जो समाज में कार्यरत 'आया' यानी महिला सहायिकाओं की उपेक्षा और अनदेखी के खिलाफ एक सशक्त आवाज बनकर उभरी है। रिधिमा ने देखा कि अस्पतालों, स्कूलों, वृद्धाश्रमों और अन्य संस्थानों में कार्यरत आयाएं – जो बच्चों, बुजुर्गों, मरीजों और असहायों की सेवा करती हैं – उन्हें समाज में वह पहचान और सम्मान नहीं मिल पाता जिसकी वे हकदार हैं।
इस सामाजिक अभियान की खास बात यह है कि यह देश के सबसे कम उम्र की सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा शुरू किया गया है। रिधिमा तिवारी द्वारा चुनी गई तिथि 5 अगस्त को अब "आया सम्मान दिवस" के रूप में मनाने की मांग को विधानसभा अध्यक्ष ने ऐतिहासिक क्षण बताते हुए पूर्ण समर्थन दिया। उन्होंने कहा, “यह सिर्फ एक सामाजिक अभियान नहीं, बल्कि उन अनसुनी सेवाओं का सम्मान है जो हमारे समाज की नींव को मजबूती देती हैं।”
विधानसभा अध्यक्ष श्री महाना ने यह भी कहा कि यह प्रयास केवल एक दिन का प्रतीक नहीं है, बल्कि समाज में सेवा कार्य कर रहीं उन महिलाओं के लिए आदर और जागरूकता का निरंतर प्रयास बनना चाहिए।
समाज को एक नई दिशा
रिधिमा तिवारी की यह पहल समाज को यह सोचने पर विवश करती है कि सम्मान और सराहना के असली पात्र वे लोग हैं जो निस्वार्थ भाव से दूसरों की सेवा करते हैं। इस मुहिम को समर्थन मिलने से न केवल आयाओं को प्रेरणा मिलेगी, बल्कि अगली पीढ़ी भी सामाजिक जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक होगी।