उत्तर प्रदेश में आसुरक्षित हुई बेटियां


उन्नाव कांड के ठीक पीछे घाटमपुर कांड


नाबालिक के साथ 3 बहसी दरिंदों ने दिया दुष्कर्म की घटना को अंजाम


Times7news - कानपुर : थाना घाटमपुर गिरसी गांव में रहने वाली 17 वर्षीय बालिका को घर से निकलने के बाद गांव के छोटू उर्फ अनुराग ने अपने साथी दादाराम व एक अन्य के साथ दबोच लिया! मोटरसाइकिल से नहर के किनारे ले गए! जहां दरिंदगी को अंजाम दिया! उनके चंगुल से छूटी बालिका ने घर पहुंच कर परिजनों को अपना कष्ट बताया मामला सुनते ही परिजनों के हाथ पैर ठंडे हो गए! परिजनों द्वारा पुलिस को सूचना दी गई! पुलिस ने पीड़ित की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया! और तीनों आरोपियों की तलाश में जुट गई।


एसपी ग्रामीण बृजेश श्रीवास्तव के अनुसार तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, एवं बालिका का मेडिकल परीक्षण कराया गया है, और घटना को लेकर विधिक कार्रवाई की जा रही है।


बताते चलें अभी उन्नाव जनपद में एक खेत में मिली तीन लड़कियों का मामला सही से नहीं सुलझा अभी भी लड़की के बयान उसकी आपबीती प्रकाश में नहीं आई कि घाटमपुर के गिरसी गांव में हुए नाबालिक के साथ दुष्टकृत्य की घटना ने पूरे उत्तर प्रदेश कि शासन एवं प्रशासन व्यवस्था के मुंह पर की कालिख पोत दी हैं। निर्भया कांड में दोषियों को फांसी होने के बावजूद भी समाज में इस कुकृत्य को लेकर क्या संदेश पहुंचा नहीं समझ आ रहा  न्याय व्यवस्था की कार्यप्रणाली नहीं समझ नही आ रही आखिरकार ऐसे कृत्य करने का साहस अपराधियों में आता कहां से है, क्या उन्हें फांसी जैसे दंड एवं सामाजिक बहिष्कार जैसी सजाओ का कोई डर क्यों नहीं है, इसके पीछे के मूल कारण क्या है, यह सोचना एवं इसका समाधान निकालना और उसे समाज में प्रेषित करना किसके अधिकार क्षेत्र में आता है, नहीं समझ आता आखिरकार ऐसी घटनाओं से उत्पन्न कालिख से वास्तविकता में किसका मुंह काला होता है, नहीं समझ आता क्या कभी किसी को समझ में नहीं आएगा! यह सब ऐसे ही चलता रहेगा! इस पर मंथन करने की महती आवश्यकता है, खासतौर उत्तर प्रदेश सरकार को जल्द ही इस बाबत सख्त निर्णय लेने होंगे नहीं तो बेटियों की सुरक्षा करना असंभव हो जाएगा। और कोई भी माता-पिता बेटी को जन्म देने से पहले ही उसका जीवन पूरा करने के लिए विवश हो जाएंगे।


(एडीटर इन चीफ : सुशील निगम)

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