*राष्ट्रपति भवन में ‘जय श्री राम’ के नारे लगने का वामपंथी नेता कविता कृष्णन ने किया विरोध, ट्वीट कर कहा, ‘क्या भाजपा को लगता है कि, भारत हिंदू राष्ट्र बन गया है?’*

रामनाथ कोविंद भारत के नए राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ले चुके हैं। संसद के केंद्रीय कक्ष में उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायधीश जे एस खेहर ने उन्हें मंगलवार को पद की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण किए जाने के बाद जैसे ही राष्ट्रगान बजाया गया, इसके तुरंत बाद भारत माता की जय और जय श्री राम के नारे लगाए गए। जिस समय य़े नारे लगाए गए उस समय कक्ष में भाजपा के सांसदों के साथ, विपक्ष के नेता, उपराष्ट्रपति, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री मोदी उपस्थित थे। नारे लगने के बाद ये बात चैनलों की सुर्खी बन गई। इसे बात का सोशल मीडिया पर काफी  विरोध भी किया गया। कम्यूनिस्ट नेता कविता कृष्णन ने जय श्री राम के नारों को हिंदू राष्ट्र से जोड़ते हुए ट्विटर पर एक खबर शेयर करते हुए लिखा कि, क्या भाजपा को लगता है कि, हम हिंदू राष्ट्र बन चुके हैं ?

वैसे यह पहली बार नहीं है जब संसद भवन में जय श्री राम का नारा लगाया गया हो। इससे पहले जब भाजपा सदस्यों ने प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद नरेंद्र मोदी का स्वागत समारोह किया था, उस दौरान भी ऐसे नारे लगाए गये थे।

वही देश के नए राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने आज अपना पदभार संभालने के बाद राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि, देश की सफलता का मंत्र उसकी विविधता है और यही विविधता हमारा वह आधार है जो हमें अद्वितीय बनाता है। कोंविद ने कहा, ‘‘इस देश में हमें राज्यों और क्षेत्रों, पंथों, भाषाओं, संस्कृतियों, जीवन शैलियों जैसी कई बातों का सम्मिश्रण देखने को मिलता है। हम बहुत अलग हैं, परंतु फिर भी एक हैं, एकजुट हैं।’’ उन्होंने कहा कि, देश की सफलता का मंत्र उसकी विविधता है। विविधता ही हमारा वह आधार है जो हमें अद्वितीय बनाता है।
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