अंधेरे का फायदा उठाकर काफी समय से पुलिस के चंगुल से फरार हो जाते अपराधी --- कारण अज्ञात


एडीटर इन चीफ ; सुशील निगम

कुछ महीने पहले नरवल मोड़ पर एक लोडर जिसमें चोरी का सामान था घेराबंदी कर पुलिस ने उसको पकड़ा उसमें भी कुछ अपराधी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गए।


अभी कुछ दिन पहले ही बिठूर थाना क्षेत्र में भी कुछ ऐसा ही हुआ गोवंश के हत्यारे जिन्होंने पुलिस पर फायरिंग तक कर दी उसमें भी दो अपराधी अंधेरे का फायदा उठाकर भाग निकले

जबकि पुलिस ने घेराबंदी कर रखी थी।


नौबस्ता के अर्रा रोड पर लूट की फिराक में घूम रहे अपराधियों की जब पुलिस ने घेराबंदी कर पकड़ने की कोशिश की तो पुलिस को जवाबी फायरिंग करनी पड़ी एक के पैर में गोली लगी वह कब्जे में आ गया दूसरा अंधेरे का फायदा उठाकर भाग गया। गौरतलब है कि जितने भी भागे वो अंधेरे का फायदा उठाकर भागे 

ऐसा ही थाना सचेंडी में एक मामला हुआ जिसमें झांसी की तरफ से आ रही एक कार में अवैध असलहों के होने की जानकारी मिली जिस पर पुलिस ने पूरी तरह नियंत्रण की योजना बना ली थी फिर भी एक भी अपराधी हाथ नहीं लगा केवल कार हत्थे चढ़ी जिसमे इक्का दुक्का असलहा बरामद हुए और वो भी काफी दूर जाकर दीवाल से टकरा गई कार अपने आप बन्द हो गई होगी निश्चित रूप से अपराधियों के साथ कुछ अवैध असलहे भी भाग गए होंगे


सबसे नई खबर आज की है जिसमें पुलिस की जगह पब्लिक थी जिसमें मोबाइल लूटकर भाग रहे बाइक सवार लुटेरों को पनकी रोड चौकी से कुछ ही दूरी पर पब्लिक ने दौड़ाकर पकड़ लिया लेकिन इसमें भी एक लुटेरा दिन के उजाले में भागने में कामयाब रहा खैर यह तो पब्लिक की बात की बिना प्लान बिना योजना पब्लिक का अटैक था। लेकिन पुलिस के हाथों से बचकर निकलने वाले अपराधियों की गिरफ्तारी का उल्लेख पुलिस कभी अपने प्रेस नोट में नहीं करती है।आखिर क्यों?

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