बिना भीतर घात संभव नहीं थी कानपुर पुलिस दुर्घटना


पूरी तैयारी के साथ पुलिस टीम के स्वागत के लिए बैठा था दरिंदा

यह घटना नहीं योगी सरकार के लिए चुनौती है अपराधी का दुस्साहस

सन 2001 में संतोष शुक्ला की हत्या सरेआम थाने में घुसकर करने वाला दरिंदा विकास दुबे को आखिर किसका वरदहस्त प्राप्त है

कानपुर  -: चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में बीती रात विकास दुबे जो एक कुख्यात अपराधी है, को धरने गई तीन थानों की पुलिस टीम पर वकायदा पहले से घात लगाए बैठे कुख्यात अपराधी विकास दुबे और उसके साथियों ने ताबड़तोड़ गोलियां चलाना शुरू कर दिया इससे पहले कि पुलिस टीम कुछ समझ पाती एक के बाद एक आठ पुलिसकर्मी मौके पर ही शहीद हो गए गौर करने वाली बात यह है,कि अपराधी के खिलाफ पुलिस के सीक्रेट मिशन को लीक किसने किया और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है, कि जब अपराधी को यह पता चल ही गया था। की पुलिस टीम उसके लिए आ रही है, तो अंडर ग्राउंड होने की बजाएं पुलिस टीम पर कातिलाना हमला क्यों किया जबकि वह आसानी से खुद को बचाकर भाग सकता था।

घटना की पुष्टि पुलिस और प्रशासन के उच्च अधिकारियों ने अलग-अलग वक्तव्य में की है।
जिसके अनुसार 8 पुलिस कर्मी शहीद हुए और लगभग आधा दर्जन पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल है, वहां से भागे अपराधी की तलाश में जगह-जगह छापेमारी कर रही पुलिस टीम छापेमारी के दौरान छोटी मोटी मुठभेड़ में अपराधी का मामा प्रेम प्रकाश पांडेय और एक साथी अतुल दुबे को मौके पर ही मार गिराया और अपराधियों द्वारा लूटे गए पुलिस के हथियार भी बरामद कर लिए गए हैं। 

लचर न्याय प्रणाली और भ्रष्ट तंत्र के चलते ही ऐसी घटनाओं का प्रादुर्भाव होता है। उस भ्रष्ट कड़ी को ढूंढ कर हमेशा के लिए आजाद कर देना चाहिए जिसने अपने ही लोगों पर जानलेवा हमला कराने की हिम्मत कर डाली।

हमले में शहीद पुलिसकर्मियों के नाम
सीओ बिल्हौर देवेंद्र कुमार मिश्रा एसओ शिवराजपुर महेश यादव चौकी इंचार्ज मंधना अनूप कुमार सब इंस्पेक्टर शिवराजपुर नेबू लाल, कांस्टेबल थाना चौबेपुर सुल्तान सिंह, थाना बिठूर जितेंद्र, एवं बबलू

एडीटर :- डॉ. आर्य प्रकाश मिश्रा
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