कानपुर. थाना बर्रा सीटीआई के पास अपनी ही गाड़ी में मृत मिले आशू यादव की हत्या से कुछ प्रमुख कारण सामने आ रहे हैं, जिन्हें उनके घरवाले जानने वाले बता रहे हैं,फिलहाल पुलिस के अनुसार आशू यादव अपने घर से निकल कर अचानक लापता हो गए जिसकी खबर रेल बाजार चौकी को दी गई और गुमशुदगी भी दर्ज की गई लेकिन पुलिस ने मोबाइल ट्रैक नहीं किया वरना शायद बच जाती आशू यादव की जान पुलिस से इतनी जल्दी कार्यवाही की उम्मीद लगाना भी उत्तर प्रदेश में खासतौर से कानपुर में ठीक नहीं. 
 
 
फिलहाल पुलिस का कहना है, उसकी गर्दन पर गला दबाए जाने का निशान और शरीर पर दिख रही चोटे इरादतन हत्या का संकेत देती हैं, बाकी खुलासा पोस्टमार्टम के बाद ही हो सकता है, आशू यादव कार ट्रैवलिंग ट्रैक चेक किया जाएगा इसके लिए 3 टीमें पुलिस द्वारा गठित कर दी गई जो सबसे बड़ा मामला सामने आया है। वह एक मानसिक रूप से विक्षिप्त स्त्री के साथ गैंगरेप का मामला है,जिसे आशू यादव ने अपनी लेखनी से उजागर किया था। उसके अपने लोगों का ऐसा मानना है,कि उसी के चलते जिनका वह नाम ले रहे हैं,जिसमें क्षेत्रीय पार्षद राजू सोनकर के पुत्रों द्वारा रेप किए जाने की खबर चलाई थी राजू सोनकर और उसके बेटे और उनके साथियों द्वारा आशू यादव को धमकियां भी मिली थी।
 
 
अब इस अपराध के पीछे कौन है। क्या है यह तो पुलिस ही तय करेगी रही बात पत्रकारों की हत्या की अगर सच को दिखाने में पत्रकारों की हत्या होने लगी या कोई भी अपराध किसी के भी साथ हो रहा है,और इस तरह से अपराध बढ़ता जा रहा है,कहीं ना कहीं यह न्याय व्यवस्था की एक बहुत बड़ी नाकामी है,और प्रदेश प्रशासन की असफलता है, ना तो प्रदेश का प्रशासन प्रदेश को संभाल पा रहा है,ना ही न्याय व्यवस्था इतनी सुद्रण और सुव्यवस्थित है,की वास्तविक अपराधी को सजा दी जा सके और अपराध पर नियंत्रण किया जा सके। एडिटर इन चीफ : सुशील निगम
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