लोकसभा द्वारा 2016 में बालश्रम पर पारित कानून की धज्जियां उड़ा रहे गेस्ट हाउस संचालक,रेस्टोरेंट्स, होटल,ढाबे और गली कूचो में चल रहे अवैध कारखाने
हास्यपद बना बाल श्रम निरोधी कानून छोटे-छोटे बच्चे काम के नाम पर हो रहे शोषण का शिकार कानून बनाने वालों से लेकर कानून का पालन कराने वालों तक सब हो गए गूंगे बहरे अंधे
कानपुर नगर:में जगह-जगह बने हुए गेस्ट हाउस की शादी पार्टियों में मासूम छोटे-छोटे बच्चों से लिया जा रहा है काम क्योंकि अधिक आयु वाले युवकों से काम लेने पर देने पड़ते हैं।ज्यादा दाम छोटे बच्चों से काम अपने मनमाने ढंग से लेते हैं।गेस्ट हाउस संचालक और अपने मन मुताबिक देते हैं।
जबकि 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को काम देना गैर कानूनी एक दंडनीय अपराध है।
यदि कोई व्यक्ति इस तरह मासूम बच्चों से कार्य करवाता है।तो उसकी शिकायत पुलिस या मजिस्ट्रेट या बाल मजदूर इंसपेक्टर से की जानी चाहिए
यह अपराध संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है।अर्थात इस कानून का उल्लंघन करते हुए पकड़े जाने पर वारंट की गैर मौजूदगी में गिरफ्तारी या जांच की जा सकती है।
इस कानून का उल्लंघन करने पर बच्चों को काम पर रखने व काम करवाने वालों को 6 माह से 2 वर्ष तक की जेल और साथ ही 20हजार से 50 हजार रुपए तक का जुर्माना भी किया जा सकता है।
आखिर ना जाने क्यों मौन व बन्द आँखे किए हुए बैठा है प्रशासन
ठंड की रात में सिकुड़ते हुए बच्चे कैसे काम कर रहे और कैसे काम लिया जाता है।
देखिए खबर में दिए गए वीडियो में।
रिपोर्टर इन चीफ: सुशील निगम
हास्यपद बना बाल श्रम निरोधी कानून छोटे-छोटे बच्चे काम के नाम पर हो रहे शोषण का शिकार कानून बनाने वालों से लेकर कानून का पालन कराने वालों तक सब हो गए गूंगे बहरे अंधे
शायद बाल श्रम विरोधी कानून अपनी खामियों के कारण और सरकार की गलत शिक्षा नीति के कारण उतना प्रभावी नहीं हो पा रहा है जितना होना चाहिए जैसे काम करते हुए बच्चों को पकड़ कर थाने ले जाना फिर उन्हें कचहरी ले जाना पूर्णतया गलत है। छोटे-छोटे बच्चे इन प्रक्रियाओं में सहम जाते हैं।और उससे बड़ी बात है।की क्राइम वह बच्चे नहीं कर रहे हैं।उन्हें काम पर लगाने वाले और थोड़े से पैसों के लालच में उन्हें काम देने वाले अपराधी की श्रेणी में आते हैं। लिहाजा कार्यवाही बच्चों के अभिभावकों अथवा उन्हें काम पर रखने वालों पर होनी चाहिए
कानपुर नगर:में जगह-जगह बने हुए गेस्ट हाउस की शादी पार्टियों में मासूम छोटे-छोटे बच्चों से लिया जा रहा है काम क्योंकि अधिक आयु वाले युवकों से काम लेने पर देने पड़ते हैं।ज्यादा दाम छोटे बच्चों से काम अपने मनमाने ढंग से लेते हैं।गेस्ट हाउस संचालक और अपने मन मुताबिक देते हैं।
जबकि 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों को काम देना गैर कानूनी एक दंडनीय अपराध है।
यदि कोई व्यक्ति इस तरह मासूम बच्चों से कार्य करवाता है।तो उसकी शिकायत पुलिस या मजिस्ट्रेट या बाल मजदूर इंसपेक्टर से की जानी चाहिए
यह अपराध संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है।अर्थात इस कानून का उल्लंघन करते हुए पकड़े जाने पर वारंट की गैर मौजूदगी में गिरफ्तारी या जांच की जा सकती है।
इस कानून का उल्लंघन करने पर बच्चों को काम पर रखने व काम करवाने वालों को 6 माह से 2 वर्ष तक की जेल और साथ ही 20हजार से 50 हजार रुपए तक का जुर्माना भी किया जा सकता है।
आखिर ना जाने क्यों मौन व बन्द आँखे किए हुए बैठा है प्रशासन
ठंड की रात में सिकुड़ते हुए बच्चे कैसे काम कर रहे और कैसे काम लिया जाता है।
देखिए खबर में दिए गए वीडियो में।
रिपोर्टर इन चीफ: सुशील निगम